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Computer ka full form क्या है और इसके कितने प्रकार होते हैं ?
कम्प्यूटर ka full form क्या है यदि आप Computer ka full form जानना चाहते हैं, तो हमेशा की तरह इस पोस्ट पर बने रहिए. आज हम आपको Computer full form क्या है और अन्य Computer के बारे मे जानकारी देंगे.
Computer और Computer ka full form के बारे में आप सभी जानते होंगे लेकिन क्या आपको यह भी पता है कि कम्प्यूटर ka full form क्या है (What is Computer ka Full Form in Hindi) इसके कितने प्रकार होते है? और इसका कैसे उपयोग करें?
कंप्यूटर 20वीं सदी की एक अद्भुत आविष्कारक हैं. 1982 में टाइम मैगजीन द्वारा इसको ‘Main of the year’ की उपाधि दी.
शुरुआत में कंप्यूटर का उपयोग केवल वैज्ञानिक और उच्च तकनीकी अंतरिक्ष संबंधी कार्यों में ही किया जाता था.
1960 के दशक कंप्यूटर का व्यवसाय के क्षेत्र में कम्प्यूटर का काफी महत्व बढ़ गया. वर्तमान में जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जहां कंप्यूटर का उपयोग नहीं किया जाता हो. शिक्षा विज्ञान, चिकित्सा, विज्ञान में अन्य क्षेत्रों में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है.
Computer ka full form क्या है in Hindi ?
Computer शब्द कंप्यूट (Computer) शब्द से मिलकर बना होता है जिसका अर्थ होता है गणना करना. इसलिए कंप्यूटर को कैलकुलेटिंग डिवाइस (Calculating Device) के नाम से भी जाना जाता है.
कंप्यूटर का आविष्कार बीसवीं सदी की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. आज कंप्यूटर को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. इस समय जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमें कंप्यूटर का उपयोग नहीं किया जा रहा हो.
वैज्ञानिक अनुसंधान, व्यवसाय उद्योग, पर्यावरण मौसम विज्ञान, अंतरिक्ष अभियान, विश्व यातायात, चिकित्सा, शिक्षा, मनोरंजन आदि सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर का उपयोग अधिकतम किया जा रहा है.
संचार प्रणाली दुनिया भर के कंप्यूटरों के जुड़े हुए कनेक्शन से बनी होती है. इंटरनेट इतना प्रभावी हो गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी युग में एक नए युग की शुरुआत हुई.
आज के सूचना प्रौद्योगिकी युग में, कंप्यूटर के बिना जीवन की कल्पना करने की संभावना नहीं है.
मानवता के विकास के सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर ने बहुत योगदान दिया है. कंप्यूटर ने कई कठिन समस्याओं को भी हल किया है और कई असंभव कार्यों को संभव बना दिया है.
भारत जैसे विकासशील देश के लिए कंप्यूटर बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कंप्यूटर राष्ट्र की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
Computer ka full form in Hindi:
C – Commonly – साधारण
O – Opreating – संचालन
M – Machine – यंत्र
P – 1Particularly – आवश्यक
U – Used for – उपयोग
T – Trade – व्यापार
E – Education – शिक्षा
R – Research – खोज/आविष्कार
कंप्यूटर का इतिहास in hindi – History of Computer
पुराने समय में मैकेनिकल डिवाइसों की सहायता से गणना की जाती थी, अबेकस को पहला कंप्यूटर भी कहा जाता है. परंतु बाद में पास्कल, लारैस, जैकब, एटासाफबेरी आदि डिवाइसे गणना में काम में ली जाने लगी और इनमें भी मेमोरी नहीं थी.
17 वीं शताब्दी में चार्ल्स बैबेज ने एनालिटिकल और डिफेंस मशीन का आविष्कार किया. जिसमें मेमोरी का होना एक बहुत बड़ी विशेषता थी. इसी कारण चार्ल्स बैवेज को कंप्यूटर का पितामह कहा जाता है.
ENIAC प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर है.
कम्प्यूटर क्या है in hindi ?
कंप्यूटर शब्द की गणना अंग्रेजी में कंप्यूट शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है गणना करना या गिनना. कंप्यूटर के आविष्कार का मूल उद्देश्य गणना मशीन का निर्माण करना था.
लेकिन आज एक कंप्यूटर द्वारा किए गए 80% से अधिक कार्य प्रकृति का नहीं है, कंप्यूटर को सिर्फ गणना मशीन के रूप में परिभाषित करना, इसका 80% काम होना है.
विकसित कंप्यूटर के द्वारा गणना करने की क्षमता के आधार पर शक्ति और मेमोरी का भंडारण होता है और कंप्यूटर पलक को खाते समय निर्देशों का पालन करता है.
कंप्यूटर की पीढ़िया- Generation of Computer
हम कंप्यूटर की पीढ़ियों को पांच भागो में विभाजित करते हैं. हर पीढ़ी के कंप्यूटर को उपयोग में ली जाने वाली तकनीकी के आधार पर परिभाषित कर सकते हैं.
समय के गुजरने के साथ-साथ नई प्रौद्योगिकी जैसे- नवाचारो ने जगह ले ली है, और हर बढ़ती पीढ़ीयो के साथ-साथ कंप्यूटर की दक्षता में बहुत वृद्धि हुई है.
प्रथम पीढ़ी (first Generation) 1942-1956
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में वैक्यूम ट्यूब थता डाटा भंडारण के लिए चुंबकीय ड्रम का इस्तेमाल किया गया था. उसका आकार काफी बड़ा था.
यहां तक कि उनको रखने के लिए एक बड़े कक्ष की आवश्यकता होती थी. वह बहुत मांगे थे और गर्मी का अधिक उत-सर्जन अत्यधिक करते थे, जिसकी वजह से उन्हें ठंडा करना बहुत कठिन और आवश्यक था.
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए मशीन भाषा का इस्तेमाल इनकी प्रोग्रामिंग भाषा के रूप में किया जाता था.
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के इनपुट पंच कार्ड और कागज के आधार पर दिया जाता था. पहली पीढ़ी के कम्प्यूटर के द्वारा एक समय में एक ही समस्या को हल कर सकते थे.
दूसरी पीढ़ी (Second Generation) 1956-1965
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर मैं इलेक्ट्रॉनिक घटक के रूप में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया गया. ट्रांजिस्टर कुशल, तेज, कम बिजली की खपत और पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में अधिक सस्ते और विश्वसनीय हुआ करते थे.
हालांकि, वे अत्यधिक गर्मी का उत्पादन करते थे, और अधिक विश्वसनीय भी हुआ करते थे.
इस पीढ़ी में चुंबकीय और प्राइमरी मेमोरी और चुंबकीय टेप एवं चुंबकीय डिस्क सेकेंडरी भंडारण उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं. फोन के रूप में उच्च स्तरीय कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा में शुरू की गई थी.
तीसरी पीढ़ी (thord Generation) 1965-1975
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर के स्थान पर इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) का इस्तेमाल किया गया.
एक एकल आईसी ट्रांजिस्टर, प्रतिरोधों और केपिसिटर की एक बड़ी संख्याओ को एक स्थान पर संगठित करके रख सकता था, जिसके कारण से कंप्यूटर के आकार को और भी अधिक छोटा बनाया जा सकता था.
इस पीढ़ी के कंप्यूटर द्वारा इनपुट/आउटपुट के लिए कीबोर्ड और मॉनिटर का इस्तेमाल किया जाता था. ऑपरेटिंग सिस्टम की अवधारणा को इसी समय पेश किया गया था.
इस पीढ़ी में समय सांझा (टाइपिंग शेयरिंग) और बहुत प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम की अवधारणा को पेश किया गया। कई नए उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं की शुरुआत इस पीढ़ी में हुई, जैसे-फोरट्रान, IV, पास्कल, बेसिक इत्यादि.
चतुर्थ पीढ़ी (Forth Generation) 1975-1988
पीढ़ी में माइक्रो प्रोसेसर की शुरुआत हुई जिनमें हजारों आईसी 11 एक सिलिकॉन चिप पर निर्मित की जा सकती थी.
स्पीडी के कंप्यूटर बड़े पैमाने पर एकीकृत सर्किट तकनीकी का इस्तेमाल किया करते थे. वर्ष 1971 में इंटेल 4004 चिप विकसित किया गया, इसमें एक एकल चीप पर एक कंप्यूटर के सभी घटक स्थिति किए गए.
इस प्रयोग की वजह से छोटे आकार के कंप्यूटर ने जन्म लिया, जिसे डेस्कटॉप कंप्यूटर या पर्सनल कंप्यूटर के नाम से जाना जाता हैं.
आकार के आधार पर कम्प्यूटर का वर्गीकरण-
1: माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
2: मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
3: मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Main Frame Computer)
4: सुपर कम्प्यूटर (Super Computer)
1:माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
माइक्रो कंप्यूटर में ALU और CPU एक ही बोर्ड पर लगे होते हैं अर्थात इस कंप्यूटर पर एक ही मदरबोर्ड पूरी इनपुट आउटपुट का प्रयोग किया जाता है. किसी दूसरी मशीन को ऑपरेट करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.
माइक्रो कंप्यूटर आकार में छोटे और कम कीमत वाले होते हैं. घरों, कार्यालयों, विद्यालयों, में लगे कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरण हैं.
इनमें एक ही CPU लगा होता है और इन कंप्यूटरों की संग्रहण क्षमता तथा कार्य करने की गति धीमी होती है. इन पर एक समय में एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है. इन्हें पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer) भी कहते हैं।
डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, और स्मार्टफोन यह माइक्रो कंप्यूटर के ही प्रकार है. इन कंप्यूटर का उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है और यह बहुत तेज गति से इस्तेमाल किए जाने वाले कंप्यूटर के रूप में उभरे आये हैं.
यह कंप्यूटर चारो बुनियादी कम्प्यूटरों में सबसे सस्ते होते हैं. यह सामान्य प्रकार के कार्य करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं जैसे कि संचार, शिक्षा, मनोरंजन और दूसरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जाता हैं.
2: मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
सामान्य दैनिक आवश्यकताओं में काम आने वाला कंप्यूटर डेस्कटॉप कंप्यूटर (Desktop Computer) कहलाता हैं. यह डाटा को तेज गति से संसाधित कर देता हैं.
मिनी कंप्यूटर मध्य आकार वाले सामान्य उद्देश्य वाले कंप्यूटर होते हैं।. यह माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में अधिक कार्यशील व शक्तिशाली और अधिक कीमत वाले होते हैं.
इनकी संग्रहण क्षमता और कार्य करने की गति अधिक होती है. इनमें एक से अधिक C.P.U. होते हैं. इस पर एक समय में एक से अधिक कार्य किए जा सकते हैं.
मिनी कंप्यूटर प्राय: छोटे व्यापार में उपयोग में किए जाते हैं. सुपर कंप्यूटर के समान शक्तिशाली नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी यह शक्तिशाली मशीन की गिनती में आते हैं. इनका उपयोग बड़ी और मध्यम वर्ग की कंपनियों के उत्पादन कार्यों में किया जाता है.
यह कंप्यूटर एकल उपयोगकर्ता और बहू उपयोगकर्ता (Single and multi users conscepts) की अवधारणा के अनुसार कार्य कर सकता है. इनका उपयोग कार्यालयों, बैंक, आदि में किया जाता है.
3: मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Main Frame Computer)
मेनफ्रेम कंप्यूटर आकार में काफी बड़े होते हैं. इनकी संग्रहण क्षमता और कार्य करने की दर बहुत होती है. इन कंप्यूटर पर एक समय में बहुत से व्यक्ति कार्य कर सकते हैं, यह अधिक महंगे भी होते हैं.
मेनफ्रेम कंप्यूटर में उच्च भंडारण की क्षमता होती है. इन कम्प्यूटर को हजारों कंप्यूटरों को जोड़कर बनाया गया है. इनका कंट्रोल करने के लिए Main Frame Computer का प्रयोग किया जाता है.
पहला सुपर कंप्यूटर 1964 में बनाया गया था जिसका नाम CDC 66100 हैं.
मेनफ्रेम कंप्यूटर का इस्तेमाल सरकारी संगठन और बड्डी व्यवसाय कंपनियों के व्यापार संचालन में किया जाता है. इन कंप्यूटर को कमरे में रखा जाता हैं, जहां इसे ठंडा करने एवं दूसरी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं.
यह बहुत बड़ी मात्रा में डाटा को तेज गति से प्रोसेस कर सकते है. विशाल व्यवसायिक, बैंक, शिक्षा संस्थान और कंपनियों में इनके ग्राहकों के डाटा को सेफ रखने के लिए मेनफ्रेम कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है.
इनका उपयोग प्राय: रेलवे आरक्षण, बीमा कंपनियां, अनुसंधान संस्थान, और बड़े व्यावसायिक संगठनों में किया जाता है.
4: सुपर कम्प्यूटर (Super Computer)
सुपर कंप्यूटर काफी बड़े होते हैं और तेज गति एवं अधिक संग्रह क्षमता के कारण सुपर कंप्यूटर कहलाते हैं. यह अति विशिष्ट कार्यों में प्रयोग होटे है. सैटेलाइट को कंट्रोल करने के लिए इसी कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है.
✓ दुनिया का पहला Super Computer – Cray
✓ भारत का पहला Super Computer – Param
सुपर कंप्यूटर सबसे बड़े कंप्यूटर होते हैं और इनकी संगठन क्षमता और कार्य करने की speed अधिक होती है. अधिक जटिल एवं उच्च कोटि की शुद्धता वाली गणना सुपर कंप्यूटर से की जाती है.
यह कंप्यूटर काफी महंगे होते हैं. इनकी कीमत अरबों रुपए में है. इन पर अनेक व्यक्ति एक साथ कार्य कर सकते हैं. इनका उपयोग मुख्यतः वैज्ञानिक अनुसंधान संगठन कार्यों, मौसम की भविष्यवाणी और अंतरिक्ष अनुसंधान प्रयोगशाला में किया जाता है.
सुपर कंप्यूटर (Super Computer) Data के भंडारण क्षमता और डेटा प्रोसेस के मामले में सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर होता है. सुपर कंप्यूटर बहूत ही खास होते हैं जो कि बड़ी महत्वपूर्ण खोजों और वैज्ञानिक कार्यों के उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है.
नासा द्वारा अंतरिक्ष यान को control करने एवं अंतरिक्ष में खोज करने के उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जाता है. कंप्यूटर को कार्य करने के लिए बहुत ज्यादा जगह की आवश्यकता पड़ती हैं और काफी महंगे भी होते हैं.
कंप्यूटर के विविध उपयोग-
कंप्यूटर का उपयोग बहुत व्यापक हो गया है, कंप्यूटर की उपयोगिता आज इतनी बढ़ गई है कि आज के युग को कंप्यूटर युग भी कहा जाने लगा है.
कुछ घटनाएं एसी थी जो मानव के नियंत्रण में नहीं थीं. कंप्यूटर के आविष्कार के साथ-साथ कुछ घटनाएं आसान हो गई. कंप्यूटरों का आविष्कार का उद्देश्य गणनाओं को स्वचालित करना था.
उन क्षेत्रों में जहां समय और परिशुद्धता की बहुत आवश्यकता होती थी वहां कंप्यूटर का उपयोग अनिवार्य हो गया.
भविष्य संबंधित भविष्यवाणियां, अंतरिक्ष संबंधी प्रक्रिया, परमाणु संयंत्र संचालन आदि में इसका महत्व कुछ क्षेत्रों में बढ़ गया, जिसके बिना चंद्रमा पर पहले मानव कंप्यूटर की पीढ़ी के कारण कंप्यूटर का विकास संभव नहीं था.
संचार प्रणाली में (Communication Systems)
कंप्यूटर के उपयोग के साथ संचार के क्षेत्र में कई क्रांति में बदलाव किए गए हैं. आज, बस बटन दबाकर, दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से संपर्क किया जा सकता है या बातचीत की जा सकती है.
इसके लिए इंटरनेट की बहुत कम लागत है सूचना प्रसारण और सूचना अधिग्रहण.
यह भंडारण का एक बहुत ही माध्यम बन गया है, यह सूचना और ज्ञान का भंडारण भी है जहां कोई भी जानकारी और जानकारी हमें एक पल में मिल सकती है, जैसे ही परीक्षा परिणाम घोषित होते हैं.
इंटरनेट पर उम्मीदवार इंटरनेट का उपयोग करते हैं कंप्यूटर उनके परिणामों को जानने के लिए.
किताबों के रख-रखाव से लेकर राष्ट्रीय खातों और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में हिस्सेदारी तक जितने भी कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा है. उसका प्रबंधन आज कंप्यूटरों के माध्यम से किया जा रहा है.
कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से, व्यापार में एक नई दिशा है, जो ई-कॉमर्स है.
इंटरनेट के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं को खरीदना और बेचना ई-कॉमर्स का कार्य है. उत्पादकों और विक्रेताओं को बाजार में वस्तुओं और सेवाओं के व्यापारियों को आसानी से मिल जाता है.
व्यापारिक जानकारी के आदान-प्रदान से समय और लागत में भारी कमी आई है.
आज, ग्रहण या इंटरनेट के माध्यम से, घर बैठे अपने घरेलू उपयोग की वस्तुओं की खरीद करते हैं. होम सिनेमा टिकट, होटल बुक करना, मनी ट्रांसफर टिकट बुक करना आदि लेते हैं.
नेट-बैंकिंग में (Net Banking)
ई-कॉमर्स ई-बैंकिंग का एक हिस्सा है, इंटरनेट के माध्यम से, खाताधारक अपने बैंक खाते का शेष देख सकता है.एक खाते से दूसरे खाते में धन भेज सकता है.
टेलीफोन बिजली पानी का बिल जमा कर सकता है आदि कोई भी लेनदेन बैंकिंग कर सकता है.
बैंकों द्वारा बैंक के तहत प्रदान किया गया एटीएम (स्वचालित टेलर मशीन) का पूरा नाम है. यह एक स्वचालित मशीन है जो किसी भी समय किसी भी स्थान पर एटीएम को जमा करके वापस आ जाती है.
इसके लिए ATM को ‘Any Time Money‘ भी कहा जाता है.
कार्यालयों में, कंप्यूटर ने टाइप राइटर की जगह ले ली है, इसके अलावा, कार्यालयों में किए गए सभी कार्यों का लेखा, स्थापना विवरण, वेतन विवरण, आज रखरखाव कार्य कंप्यूटर द्वारा ही किया जाता है.
कंप्यूटर में “पेपरलेस ऑफिस” की अवधारणा भी है, जिसने जन्म दिया है. प्रशासनिक नियंत्रण के लिए ई-गवर्नेंस का सहारा लिया जा रहा है.
लाइब्रेरी में किताबों का पूरा रिकॉर्ड, किसी काम में आने वाले सदस्यों का पूरा रिकॉर्ड, बुक लेने वाले का रिकॉर्ड देने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड आदि, किताबों का पूरा हिसाब आदि आसानी से हो रहा है.
कंप्यूटर का उपयोग अब मुद्रण कार्यों के प्रकाशन में भी किया जा रहा है, यह कार्य डेस्कटॉप प्रकाशन (डेस्क टॉप पब्लिशिंग-डीटीपी) के तहत किया जाता है.
पारंपरिक सफाई का काम बहुत ज्यादा हुआ करता था, लेकिन अब कंप्यूटर का इस्तेमाल बहुत आसान हो गया है.
चिकित्सा के क्षेत्र में (hospital aeriya)
चिकित्सा के क्षेत्र में, रोगी का निदान, उनके उपचार या रोगियों की जनता की निगरानी से लेकर अधिकारियों तक का काम कंप्यूटर से बहुत आसानी से किया जा रहा है.
अल्ट्रासाउंड सीटी, सिटी स्कैन (एमआरआई) कुछ ऐसे परीक्षण हैं जिनका उपयोग विभिन्न बीमारियों के लिए किया जाता है. इन परीक्षणों में, कंप्यूटर की छवियों के माध्यम से इन परीक्षणों में रोगी की बीमारी का आसानी से पता लगाया जा सकता है.
देश में अनियमित दिल की धड़कन वाले रोगियों में बीट्स कंट्रोल डिवाइस एक छोटे से कंप्यूटर का हिस्सा है.यह जेनेटिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक तरह का छोटा कंप्यूटर है. जहां विभिन्न डीएनए की संरचना का अध्ययन किया जाता है.
डीएनए का उपयोग डीएनए फिंगरप्रिंटिंग के माध्यम से अनिवार्य है जो अन्य आपराधिक मामलों की ओर जाता है. यह चिकित्सा विज्ञान और कंप्यूटर, विज्ञान जैव सूचना विज्ञान की एक शाखा की मदद से अस्तित्व में आया है.
टीवी चैनल ने प्रसारण में कंप्यूटरों में भी जगह बनाई है, कंप्यूटर-सहायता प्राप्त प्रसारण चैनल डिजिटल चैनलों का प्रसार करते हैं, उनका प्रसारण सामान्य चैनलों से बहुत बेहतर है.
संगीत की नई धुनों को बनाने में भी कंप्यूटर का बहुत उपयोग किया जा रहा है. कंप्यूटर होने के बाद, यह उपकरणों के उपकरण उत्पन्न कर सकता है. कंप्यूटर द्वारा संगीत की रचना को संगीत वाद्ययंत्र डिजिटल इंटरफ़ेस (मिडी) कहा जाता है.
कंप्यूटर ने आज हमारे घरों में भी प्रवेश किया है, जहां इस शिक्षा का उपयोग मनोरंजन पत्र लेखन से लेकर ईमेल चैटिंग फेसबुक इंटरनेट यूट्यूब तक विभिन्न जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा रहा है.
इस तरह से कंप्यूटर का बहुत उपयोग होता है. कंप्यूटर का उपयोग विभिन्न कार्यों में अलग-अलग तरीकों से किया जाता है.
आप ने क्या सीखा ?
इस पोस्ट में हमारे द्वारा बताया गया है कि कम्प्यूटर क्या है–Computer ka Full Form in hindi? आपने कम्प्यूटर के बारे में विस्तार से जान लिया होगा.
हमें आशा है कि इस पोस्ट को पढ़ने से आपको कम्प्यूटर के बारे में पूरी जानकारी समझ में आ गई होगी.
अब आपको कम्प्यूटर के उपयोग में कोई भी परेशानी नहीं होने वाली है और आप कम्प्यूटर सरलता से उपयोग कर सकेंगे.
आपसे एक उम्मीद है कि आप इस पोस्ट को अपने दोस्त, facebook, group और अन्य सभी मित्र और सोशल मीडिया पर शेयर कर उन तक पहुंचाएं, जिसके की वे भी computer ka full form in hindi इस के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके.
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Hello दोस्तों, में Murari Bijarniya, Hindi Techno (हिन्दी टैक्नो) का Co-Founder & Technology Author हूं. यदि में Education (शिक्षा) की बात करू तो मैं Technology Graduate हूं. मुझे नई तकनीकी (Technology) सीखना बहुत पसंद है और दूसरो को सिखाना बहुत अच्छा लगता है. मेरी आप लोगों से एक निवेदन है कि आप लोग इसी तरह हमारा सयोग करते रहे. हमारी टीम आपके लिए नई जानकारी उपलब्ध कराती रहेगी.
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